रास्ते मुझे बेहद पसंद हैं
हर आहट के नीचे
एक नयी कहानी के आभास का
आसरा मिलता है ;
कभी यूँ ही बिना किसी पूर्वसूचना के
अनायास ही कोई साथ हो लेता है
और कुछ कदम चलने के बाद
किसी मोड़ पे घूम कर
अपनी राह चला जाता है
एक खूबसूरत एहसास छोड़ ;
मंजिल पर बहुत मुश्किल है
मंजिल पर बहुत मुश्किल है
किसी के अलगाव को
राह में मिले
हमसफ़र के अलगाव की तरह भूल जाना ;
मैं किसी ऐसी मंजिल पर
जाना ही नहीं चाहता
बस कुछ ढूंढना चाहता हूँ
राहों पे लगातार भटकते हुए ।
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