हार जाना
(1)
हार
जाना
सालता
है,
लेकिन
मुक्त
करता
है
तुलना
और
द्वंद
से,
जो
जीत
के
साथ-साथ
शमसान
तक
चलता
है!
(2)
हार
जाना
सुन्दर
होने
जैसा
नहीं
होता
ना
ही
होता
है
कि
यही
हुआ
तो
क्या
हुआ,
ना
ये
कि
बहुतों
को
हारना
पड़ता
है
कुछ
लोगों
के
जीत
के
लिये;
हार
जाना
बस
हार
जाना
ही
होता
है,
जहाँ
चुप
रहने
को
ज़्यादा जगह
मिलती
है।
नाम
: अगस्त्य एन.
पटना,
बिहार
- 800002.
व्हाट्सप्प : 9308485825
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