WELCOME TO MY BLOG

style="display:block"
data-ad-client="ca-pub-7310137663178812"
data-ad-slot="7458332332"
data-ad-format="auto">




View My Stats

Search This Blog

Monday, November 29, 2010

इसे भी गुज़र जाने दो

आशाओं से लदा-फदा
और नए मौज के चक्के पर आ ही गया है!
आज भी सूरज ने कमोबेश
उतनी ही रोशनी छोड़ी है निर्वात की सुरंगों में.
हवा कुछ तेज़ी है और बादल कहीं-कहीं
गढ़बंधन की जैसी कोशिशों  में मशगूल हैं.
लतीफ़ों के  क्रमांक बदले से तो लग रहे हैं,
ठहाकों का लगभग-लगभग वही है.
खेतों से विदा ले कर आज भी उतनी हीसब्जिया
झूलती मटकती झोलों में सवार होकर
अलग-अलग गंतव्यों की ओर चल चुकीं हैं.
फूलों की खुशबू हालाँकि अब थोड़ी दूर निकल तो गयी हैं
और अब यहाँ पके हुए धान की महक है
लेकिन ये तो तय है की वे कहीं न कहीं से आयीं तो ज़रूर थीं.
कोई आधे, पाव किलो बेलग्रामी, गाजे में
अपने-अपने हिसाब से सासाराम, रोहतास और हसन बाज़ार को
हर डब्बे ने इतिहास की चिंता से मुक्त होकर सहेज लिया है.
इशारों से लदा-फदा और कनखियों का बोनट टाँगे
वो बढ़ता जा रहा है आज भी
एक नए आवरण में लिपट कर.
जिसपर शुभकामनाओं का स्टिकर,
कजरारी चमक के दिठौने में सुरक्षित है.
अब आ ही गया है तो पूरी बारात आ जाने दो.
अच्छे मेजबान का सख्त अभाव है आजकल!
बिठाना, खिलाना, बतियाना न सही,
हम भी तो अपने दोस्त की दुल्हन विदा कराने आये हैं
तो इस सोमवार को भी ज़रा शान से
दिन की दुल्हन ले के खुशी-खुशी गुज़र जाने दो.

5 comments:

  1. लेखन के मार्फ़त नव सृजन के लिये बढ़ाई और शुभकामनाएँ!
    -----------------------------------------
    जो ब्लॉगर अपने अपने ब्लॉग पर पाठकों की टिप्पणियां चाहते हैं, वे वर्ड वेरीफिकेशन हटा देते हैं!
    रास्ता सरल है :-
    सबसे पहले साइन इन करें, फिर सीधे (राईट) हाथ पर ऊपर कौने में डिजाइन पर क्लिक करें. फिर सेटिंग पर क्लिक करें. इसके बाद नीचे की लाइन में कमेंट्स पर क्लिक करें. अब नीचे जाकर देखें :
    Show word verification for comments? Yes NO
    अब इसमें नो पर क्लिक कर दें.
    वर्ड वेरीफिकेशन हट गया!
    ----------------------

    आलेख-"संगठित जनता की एकजुट ताकत
    के आगे झुकना सत्ता की मजबूरी!"
    का अंश.........."या तो हम अत्याचारियों के जुल्म और मनमानी को सहते रहें या समाज के सभी अच्छे, सच्चे, देशभक्त, ईमानदार और न्यायप्रिय-सरकारी कर्मचारी, अफसर तथा आम लोग एकजुट होकर एक-दूसरे की ढाल बन जायें।"
    पूरा पढ़ने के लिए :-
    http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/blog-post_29.html

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर रचना| धन्यवाद|

    ReplyDelete
  3. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete
  4. ब्‍लागजगत पर आपका स्‍वागत है ............बहुत सुन्दर रचना।

    ReplyDelete
  5. aap sabon ka hridaya se dhanyawaad!

    ReplyDelete