WELCOME TO MY BLOG

style="display:block"
data-ad-client="ca-pub-7310137663178812"
data-ad-slot="7458332332"
data-ad-format="auto">




View My Stats

Search This Blog

Thursday, September 23, 2010

बातों ही बातों में

बातों ही बातों में---
ज़िंदगी के मायने बदल जाते हैं
बातों ही बातों में ---
ज़िंदगी के आज....
........कल हो जाते हैं,
बातों ही बातों में---
ज़िंदगी का मतलब मौत भी होता है...
बातों ही बातों में ---
मर के जिसे हम जिए जाते हैं.

बातें....... सिर्फ बातें......

बातों ही बातों में---
बातों से बन जाती है कहानी,
बातों ही बातों में---
उस कहानी से
निकल आता है कोई रिश्ता,
बातों ही बातों में---
उस रिश्ते का
हो जाता है कोई नाम,
नाम मिल जाए तो होंगी बातें
नाम खो जाए तो होंगी बातें.

बातें....... सिर्फ बातें.....

बातों ही बातों में---
कभी ज़िंदगी,
सबब की ज़िंदगी हो जाती है.
बातों ही बातों में---
कभी कोई
ज़िंदगी का सबब हो जाता है.....
इसी उलझन के सहारे
जब तक़दीर की तहरीर
पेशानी पे उमड़ आती है
ज़िंदगी, भागती हुई तस्वीर बन जाती है......

बातों ही बातों में---
ज़िंदगी के मायने बदल जाते हैं
बातों ही बातों में ---
ज़िंदगी के आज....
........कल हो जाते हैं,
बातों ही बातों में---
ज़िंदगी का मतलब मौत भी होता है...
बातों ही बातों में ---
मर के जिसे---------!

1 comment:

  1. end thoda sahityiK hai - aisa lagta hai.
    or you have left few words for readers.
    anyways, good work. keep it up.

    ReplyDelete